हेलेन केलर का जीवन परिचय | Helen Keller in Hindi

नमस्कार, आज हम जानने वाले हैं Helen Keller के बारे में। हमारे कई मित्रों को हेलेन केलर के बारे में जानकारी चाहिए थी। तो चलिए ज्यादा देर न करते हुए Helen Keller Ki Biography के बारे में विस्तार से जानते हैं।

हेलन केलर का जीवन परिचय | Helen Keller in Hindi

Helen Keller उन महान महिलाओं में से थी जिन्होंने अपने कार्यों और सिद्धांत के बल पर दुनिया में एक अनूठी मिसाल कायम करी। Helen Keller के जीवन में आने वाली मुश्किलों ने उनके हिम्मत और मेहनत के आगे घुटने टेक दिए। जिस प्रकार की परिस्थितियों के बारे में हम सोचकर ही खौफ से भर जाते हैं उन परिस्थितियों में Helen Keller ने अपना जीवन जिया और हिम्मत की एक मिसाल खड़ी की।

Helen Keller का जीवन हर एक व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत है, Helen Keller ने यह साबित करके दिखाया कि अगर आप अपने लक्ष्य के प्रति ईमानदारी, दृढ़ संकल्प, कठिन परिश्रम और मेहनत करते हैं तो आपको निश्चित ही अपने लक्ष्य तक पहुंचने से कोई भी नहीं रोक सकता।

हेलेन केलर का जन्म | Helen Keller Born

Helen Keller का जन्म 27 जून 1880 को टस्कम्बिया,अलाबामा, संयुक्त राज्य अमेरिका में हुआ था।
Helen Keller का पूरा नाम हेलेन ऐडम्स केलर था। Helen Keller के पिता का नाम आर्थर एच. केलर था और मां का नाम कैथरीन एडम्स केलर था।

Helen Keller के पिता सेना में अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। जब Helen Keller का जन्म हुआ तब वह बिल्कुल स्वस्थ थी। लेकिन समय बीतता गया और लगभग 19 महीनों के बाद हेलेन केलर बीमार हो गई, उन्हें तेज बुखार ने जकड़ लिया।

काफी मुश्किलों के बाद तीन से चार दिन में हेलन केलर  का बुखार उतर गया। उन्हें ऐसा बुखार था कि ज्यादातर मामलों में ऐसे रोगी की मृत्यु हो जाती थी लेकिन Helen Keller बच गई।

कुछ समय बाद पता चला कि उस बीमारी के कारण Helen Keller अपनी सुनने, बोलने और देखने की शक्ति खो चुकी हैं। अब हेलन केलर के माता-पिता के सामने एक चुनौती थी कि उनको शिक्षा कैसे दी जाएगी, कौन ऐसा शिक्षक होगा जो हेलन केलर को अच्छी शिक्षा दे पाएगा और हेलन केलर उसे समझ पाए।
 यह चुनौती इसलिए थी कि Helen Keller सामान्य बच्चों से अलग थी क्योंकि अब वह बोलने सुनने और देखने में असमर्थ थी।

Helen Keller in Hindi
Helen Keller in Hindi

 जिसके कारण Helen Keller दूसरे बच्चों के साथ बैठ कर पढ़ नहीं सकती थी, उनके साथ खेल नहीं सकती थी और उनसे बातें नहीं कर सकती थी।

लेकिन हेलेन केलर के माता-पिता यह जानते थे कि उनकी पुत्री में इन सभी मुश्किलों का सामना करने की हिम्मत है।
हेलन केलर की मां ने उन्हें कई डॉक्टरों को दिखाया लेकिन इससे कोई भी लाभ नहीं हुआ फिर कुछ समय बाद, एक दिन Helen Keller की मां की मुलाकात डॉ. माइकल अनेग्रस से हुई। और डॉक्टर माइकल अनेग्रस ने उन्हें एक कुशल अध्यापिका से मिलाया और फिर Helen Keller के माता पिता की चुनौती जो उनके लिए एक शिक्षक ढूंढने की थी वह खत्म हो गई।

Helen Keller के माता-पिता के कई प्रयासों के बाद अंत में उन्हें Helen Keller के लिए एक अध्यापिका मिल गई जिनका नाम “एनि सुलिव्हान” था।
एनि हेलन केलर को पढ़ाने के लिए उनके घर पहुंची, उस समय Helen Keller बहुत क्रोधित और जिद्दी लड़की थी लेकिन एनि उसे समझती थी और वह जानती थी कि वह जिस परिस्थिति में है उसका ऐसा करना भी एक प्रकार से सही है।

एनि Helen Keller को उनके माता-पिता से दूर ले जाना चाहती थी और इसी विषय में एनि ने Helen Keller के माता पिता से बात करी और उन्हें समझाया कि उसे असहाय और लाचार ना समझे और उसे सीखने के लिए मेरे साथ छोड़ दे।

Helen Keller के माता पिता ने एनि की बात समझी और Helen Keller को परिवार से दूर ले जाने की मंजूरी दे दी। अब एनि Helen Keller को उसके परिवार से दूर बगीचे के बीच में बने एक घर में लेकर रहने लगी।

अब एनि Helen Keller को अपने तरीके से शिक्षा देने लगी और हेलन केलर भी धीरे धीरे उन्हें समझने लग गई कुछ दिनों बाद Helen Keller का स्वभाव पहले से काफी ज्यादा बदल गया अब वह हंसमुख, नम्र और सरल स्वभाव की हो चुकी थी।

हेलेन केलर की शिक्षा :

एनि ने Helen Keller को अनेक तरीकों से शिक्षा दी। Helen Keller को सिखाने के लिए एनि ने मैनुअली अल्फाबेट (manually alphabet) यानी एनि ने अपने हाथ पर पानी का संकेत बनाया फिर उसका हाथ पानी के नीचे ले गई। इसी प्रकार एनि ने हेलन केलर को पूर्ण वाक्य में बात करने योग्य बना दिया।

Helen keller and ani
Helen Keller And Ani

इन सबके बाद एनि ने Helen Keller के माता-पिता से बात की और उन्हें यह सुझाव दिया कि अब हेलन केलर को नेत्रहीनों के पार्किंन इंस्टिट्यूट में भेज दिया जाए और उन्हें इस शिक्षा से भी अवगत कराया जाए।
एनी का सुझाव सुनने के बाद Helen Keller के माता-पिता ने उन्हें वहां भेज दिया। Helen Keller ने वहां 6 साल तक ब्रेल लिपि सीखी।

Helen Keller अब एक बुद्धिमान युवती बन गई थी हेलन केलर में सीखने और काम करने की जिज्ञासा उत्पन्न हुई। 12 वर्ष की उम्र में वह बोलने लग गई थी। हेलन केलर में अब सोचने और समझने का एक विशेष गुण उत्पन्न हो चुका था। अब उन्होंने अपने जीवन के लिए अपना लक्ष्य निर्धारित कर लिया था। हेलन केलर ने न्यूयॉर्क के राइट – Hamsan School for Deep में संकेत भाषा सीखी।

सन् 1904 में Helen Keller ने रेडक्लिफ कॉलेज से स्नातक की उपाधि हासिल की। हेलन केलर यहां सामान्य छात्रों के साथ पढ़ती थी यहां पढ़ते पढ़ते ही उनमें लिखने का शौख बढ़ने लगा और वह लिखने लगी। Helen Keller ने अनेक भाषाएं भी सीखी। जैसे— फ्रेंच, अंग्रेजी, लैटिन, ग्रीक और जर्मन। 

अब धीरे-धीरे हेलन केलर की रूचि लिखने में और ज्यादा गहरी होती गई और हेलन केलर  ने ब्रेल लिपि में अनेक पुस्तकें लिखी और कई पुस्तकों का अनुवाद भी किया। हेलन केलर ने एक पुस्तक लिखी जिसका नाम “The Story Of My Life” था इनकी यह पुस्तक इतनी प्रसिद्ध और चर्चित रही की उन्होंने उस पुस्तक की आय से एक घर खरीद लिया।

हेलन केलर के संघर्षों का दौर :

अपने जीवन में हेलन केलर ने संघर्षों का ऐसा दौर पार किया था जो असहनीय था हेलन केलर ने यह समझ लिया था कि अगर संघर्ष किया जाए तो कोई भी कार्य ऐसा नहीं है जिसे हम कर नहीं सकते। इसी सोच के दम पर हेलेन केलर ने समाज के हित के लिए अनेक कदम उठाएं और वह लोगों को जागरूक करने के लिए निकल पड़ी।

उन्होंने पूरे देश में घूम कर लोगों को अपनी कहानी बताई ताकि वे भी दुखों से लड़ने की प्रेरणा पा सकें उन्होंने महिलाओं के समान अधिकारों के लिए भी आवाज उठाई।

हेलन केलर ने यह सिद्ध कर दिखाया था कि शरीर की अपंगता किसी व्यक्ति को पढ़ने-लिखने, बोलने और खेलने में बाधा उत्पन्न नहीं कर सकती। आलस्य और निराशा के कारण ही कोई व्यक्ति आगे नहीं बढ़ पाता है।

हर एक व्यक्ति जीवन में परिश्रम, लगन और साहस से सफलता प्राप्त कर सकता है। अब Helen Keller अमेरिकी लेखक थी और उसके साथ शिक्षक और राजनीतिक कार्यकर्ता भी थी।

पुरस्कार एवं सम्मान | Awards and Honors

  • हेलेन केलर को सन् 1936 में थियोडोर रूजवेल्ट विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया।
  • सन् 1964 में उन्हें राष्ट्रपति स्वतंत्रता पदक से सम्मानित किया गया।
  • सन् 1965 में उन्हें वीमन हॉल ऑफ फेम में चुना गया।
  • उन्हें स्कॉटलैंड की ग्लासगो यूनिवर्सिटी और जर्मनी की बर्लिन यूनिवर्सिटी और उसके साथ ही भारत के दिल्ली विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टरेट की उपाधि भी दी गई।

हेलेन केलर के सुविचार | Helen Keller quotes in Hindi

  • कभी भी अपने सर को झुकाओ मत। इसे ऊंचा रखो, दुनिया को सीधी आंखों से देखो।
  • यदि हम अपने कार्य में पर्याप्त समय देते हैं तो, हम जो चाहे वह कर सकते हैं।
  • दुनिया में सबसे दयनीय व्यक्ति वह है, जिसकी दृष्टि तो है लेकिन कोई लक्ष्य नहीं है।
  • चरित्र का विकास आसानी से नहीं किया जा सकता।
  • केवल परिश्रम और पीड़ा के अनुभव से आत्मा को मजबूत,महत्वाकांक्षा को प्रेरित करके ही सफलता को हासिल किया जा सकता है।
  • जीवन या तो एक साहसिक जोखिम है, या फिर कुछ भी नहीं।
  • मैंने शायद ही कभी अपनी कमियों के बारे में सोचा, इसलिए उन्होंने मुझे कभी दुखी नहीं किया।
  • शायद एक आध बार थोड़ी पीड़ा हुई लेकिन वह फूलों के बीच में हवा के झोंके जैसी अस्पष्ट थी।
  • विश्वास वह ताकत है जिससे बिखरे हुई अंधकार दुनिया में भी रोशनी लाई जा सकती है।
  • यदि आप अपना चेहरा सूर्य की तरफ रहेंगे तो आप छाया कभी नहीं देख पाएंगे।
  • जब खुशी का एक दरवाजा बंद हो जाता है तो दूसरा खुलता है लेकिन हम उस बंद दरवाजे की तरफ इतने लंबे समय तक देखते हैं कि जो हमारे लिए दूसरा दरवाजा खोला गया है वह नहीं दिखाई देता।
  • आज की विफलताओं के बारे में मत सोचो बल्कि उस सफलता के बारे में सोचो जो कल आ सकती है।
  • मैं महान और अच्छे काम करना चाहती हूं, लेकिन मेरा यह परम कर्तव्य है कि मैं उन छोटे कार्यों को भी ऐसे करूं, जैसे वह महान और नेक हों।
  • विज्ञान में सभी बुराइयों का इलाज हो सकता है लेकिन उनमें जो सबसे बुरा है, उसका कोई इलाज नहीं है वह है— मनुष्य की उदासीनता।
  • लोगों को सोचना पसंद नहीं है, अगर वह सोचते तो परिणाम जरूर मिलता। लेकिन परिणाम हमेशा सुखद नहीं होते।
  • खुद की तुलना ज्यादा भाग्यशाली लोगों से करने कि बजाये, हमें अपने साथ के ज्यादातर लोगों से करनी चाहिए। और तब हमें लगेगा कि हम कितने भाग्यवान हैं।
  • अगर दुनिया में केवल खुशी होती, तो हम बहादुर और सहनशील होना कभी नहीं सीख पाते।
  • आशावाद वह विश्वास है जिससे हमे सफलता मिलती है। उम्मीद और आत्मविश्वास के बिना कुछ भी नहीं किया जा सकता।
  • कोई भी प्रयास जो हम कुछ अच्छा प्राप्त करने के लिए करते हैं, वह कभी खोता नही है।

Short Biography of Helen Keller in hindi

पूरा नामहेलेन ऐडम्स केलर
जन्म27 जून 1880
जन्म स्थानटस्कम्बिया,अलाबामा, संयुक्त राज्य अमेरिका
शिक्षाB.A (हावर्ड यूनिवर्सिटी)
पिता का नामअर्थर हेनले केलर
माता का नामकेट एडम्स केलर
प्रसिद्ध पुस्तकThe Story Of My Life
व्यवसायलेखक, राजनीतिक कार्यकर्ता, समाजसेवी
मृत्यु1 जून 1968
मृत्यु स्थानईस्टन (कनेक्टिकट)

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :

हेलेन केलर ने क्या-क्या किया?

हेलेन केलर ने समाज के हित के लिए अनेक कदम उठाएं और वह लोगों को जागरूक करने के लिए निकल पड़ी। हेलेन केलर ने अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU) की स्थापना की।

हेलेन केलर अंधी और बहरी क्यों थी?

जब Helen Keller का जन्म हुआ तब वह बिल्कुल स्वस्थ थी। लेकिन समय बीतता गया और लगभग 19 महीनों के बाद हेलेन केलर बीमार हो गई, उन्हें तेज बुखार ने जकड़ लिया। उस बीमारी के कारण Helen Keller अपनी सुनने, बोलने और देखने की शक्ति खो चुकी थीं।

क्या हेलेन केलर के बच्चे थे?

हेलेन केलर के बच्चे नहीं थे। उन्होंने समाज के हित में अपना सम्पूर्ण जीवन लगा दिया।

हेलेन केलर की आत्मकथा का क्या नाम है?

हेलन केलर की आत्मकथा स्टोरी ऑफ माई लाइफ के नाम से प्रकाशित हुई।

हेलेन का जीवन सबको क्या प्रेरणा देता है?

हेलेन के जीवन से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि चाहे मनुष्य किसी भी स्थिति में क्यों न रहें अपने जीवन को मिसाल के रूप में प्रस्तुत कर दिखाने की क्षमता उसके अंदर ही रहती है, जरूरत है तो सिर्फ प्रबल इच्छा की।

हेलेन केलर का जन्म कहाँ हुआ था?

हेलेन केलर का जन्म यूनाइटेड स्टेट के तस्कम्बिया (अलबामा) में हुआ था।

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